127وَإِذا ما أُنزِلَت سورَةٌ نَظَرَ بَعضُهُم إِلىٰ بَعضٍ هَل يَراكُم مِن أَحَدٍ ثُمَّ انصَرَفوا ۚ صَرَفَ اللَّهُ قُلوبَهُم بِأَنَّهُم قَومٌ لا يَفقَهونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब कोई सूरा नाज़िल किया गया तो उसमें से एक की तरफ एक देखने लगा (और ये कहकर कि) तुम को कोई मुसलमान देखता तो नहीं है फिर (अपने घर) पलट जाते हैं (ये लोग क्या पलटेगें गोया) ख़ुदा ने उनके दिलों को पलट दिया है इस सबब से कि ये बिल्कुल नासमझ लोग हैं