1يَسأَلونَكَ عَنِ الأَنفالِ ۖ قُلِ الأَنفالُ لِلَّهِ وَالرَّسولِ ۖ فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَصلِحوا ذاتَ بَينِكُم ۖ وَأَطيعُوا اللَّهَ وَرَسولَهُ إِن كُنتُم مُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) तुम से लोग अनफाल (माले ग़नीमत) के बारे में पूछा करते हैं तुम कह दो कि अनफाल मख़सूस ख़ुदा और रसूल के वास्ते है तो ख़ुदा से डरो (और) अपने बाहमी (आपसी) मामलात की इसलाह करो और अगर तुम सच्चे (ईमानदार) हो तो ख़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो