128لَقَد جاءَكُم رَسولٌ مِن أَنفُسِكُم عَزيزٌ عَلَيهِ ما عَنِتُّم حَريصٌ عَلَيكُم بِالمُؤمِنينَ رَءوفٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीलोगों तुम ही में से (हमारा) एक रसूल तुम्हारे पास आ चुका (जिसकी शफ़क्क़त (मेहरबानी) की ये हालत है कि) उस पर शाक़ (दुख) है कि तुम तकलीफ उठाओ और उसे तुम्हारी बेहूदी का हौका है ईमानदारो पर हद दर्जे रफ़ीक़ मेहरबान हैं