1الر ۚ تِلكَ آياتُ الكِتابِ الحَكيمِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअलिफ़ लाम रा ये आयतें उस किताब की हैं जो अज़सरतापा (सर से पैर तक) हिकमत से मलूउ (भरी) है