You are here: Home » Chapter 9 » Verse 64 » Translation
Sura 9
Aya 64
64
يَحذَرُ المُنافِقونَ أَن تُنَزَّلَ عَلَيهِم سورَةٌ تُنَبِّئُهُم بِما في قُلوبِهِم ۚ قُلِ استَهزِئوا إِنَّ اللَّهَ مُخرِجٌ ما تَحذَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जिसमें वह हमेशा (जलता भुनता) रहेगा यही तो बड़ी रूसवाई है मुनाफेक़ीन इस बात से डरतें हैं कि (कहीं ऐसा न हो) इन मुलसमानों पर (रसूल की माअरफ़त) कोई सूरा नाज़िल हो जाए जो उनको जो कुछ उन मुनाफिक़ीन के दिल में है बता दे (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (अच्छा) तुम मसख़रापन किए जाओ