36وَإِذا أَذَقنَا النّاسَ رَحمَةً فَرِحوا بِها ۖ وَإِن تُصِبهُم سَيِّئَةٌ بِما قَدَّمَت أَيديهِم إِذا هُم يَقنَطونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब हमने लोगों को (अपनी रहमत की लज्ज़त) चखा दी तो वह उससे खुश हो गए और जब उन्हें अपने हाथों की अगली कारसतानियो की बदौलत कोई मुसीबत पहुँची तो यकबारगी मायूस होकर बैठे रहते हैं