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Sura 30
Aya 37
37
أَوَلَم يَرَوا أَنَّ اللَّهَ يَبسُطُ الرِّزقَ لِمَن يَشاءُ وَيَقدِرُ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِقَومٍ يُؤمِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

क्या उन लोगों ने (इतना भी) ग़ौर नहीं किया कि खुदा ही जिसकी रोज़ी चाहता है कुशादा कर देता है और (जिसकी चाहता है) तंग करता है-कुछ शक नहीं कि इसमें ईमानरदार लोगों के वास्ते (कुदरत ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं