56وَما نُرسِلُ المُرسَلينَ إِلّا مُبَشِّرينَ وَمُنذِرينَ ۚ وَيُجادِلُ الَّذينَ كَفَروا بِالباطِلِ لِيُدحِضوا بِهِ الحَقَّ ۖ وَاتَّخَذوا آياتي وَما أُنذِروا هُزُوًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदरसूलों को हम केवल शुभ सूचना देनेवाले और सचेतकर्त्ता बनाकर भेजते है। किन्तु इनकार करनेवाले लोग है कि असत्य के सहारे झगड़ते है, ताकि सत्य को डिगा दें। उन्होंने मेरी आयतों का और जो चेतावनी उन्हें दी गई उसका मज़ाक बना दिया है