104وَما تَسأَلُهُم عَلَيهِ مِن أَجرٍ ۚ إِن هُوَ إِلّا ذِكرٌ لِلعالَمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहालॉकि तुम उनसे (तबलीगे रिसालत का) कोई सिला नहीं मॉगते और ये (क़ुरान) तो सारे जहाँन के वास्ते नसीहत (ही नसीहत) है