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Sura 11
Aya 88
88
قالَ يا قَومِ أَرَأَيتُم إِن كُنتُ عَلىٰ بَيِّنَةٍ مِن رَبّي وَرَزَقَني مِنهُ رِزقًا حَسَنًا ۚ وَما أُريدُ أَن أُخالِفَكُم إِلىٰ ما أَنهاكُم عَنهُ ۚ إِن أُريدُ إِلَّا الإِصلاحَ مَا استَطَعتُ ۚ وَما تَوفيقي إِلّا بِاللَّهِ ۚ عَلَيهِ تَوَكَّلتُ وَإِلَيهِ أُنيبُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

शुएब ने कहा ऐ मेरी क़ौम अगर मै अपने परवरदिगार की तरफ से रौशन दलील पर हूँ और उसने मुझे (हलाल) रोज़ी खाने को दी है (तो मै भी तुम्हारी तरह हराम खाने लगूँ) और मै तो ये नहीं चाहता कि जिस काम से तुम को रोकूँ तुम्हारे बर ख़िलाफ (बदले) आप उसको करने लगूं मैं तो जहाँ तक मुझे बन पड़े इसलाह (भलाई) के सिवा (कुछ और) चाहता ही नहीं और मेरी ताईद तो ख़ुदा के सिवा और किसी से हो ही नहीं सकती इस पर मैने भरोसा कर लिया है और उसी की तरफ रुज़ू करता हूँ