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Sura 11
Aya 48
48
قيلَ يا نوحُ اهبِط بِسَلامٍ مِنّا وَبَرَكاتٍ عَلَيكَ وَعَلىٰ أُمَمٍ مِمَّن مَعَكَ ۚ وَأُمَمٌ سَنُمَتِّعُهُم ثُمَّ يَمَسُّهُم مِنّا عَذابٌ أَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जो तुम पर हैं और जो लोग तुम्हारे साथ हैं उनमें से न कुछ लोगों पर और (तुम्हारे बाद) कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हम थोड़े ही दिन बाद बहरावर करेगें फिर हमारी तरफ से उनको दर्दनाक अज़ाब पहुँचेगा