48قيلَ يا نوحُ اهبِط بِسَلامٍ مِنّا وَبَرَكاتٍ عَلَيكَ وَعَلىٰ أُمَمٍ مِمَّن مَعَكَ ۚ وَأُمَمٌ سَنُمَتِّعُهُم ثُمَّ يَمَسُّهُم مِنّا عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजो तुम पर हैं और जो लोग तुम्हारे साथ हैं उनमें से न कुछ लोगों पर और (तुम्हारे बाद) कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हम थोड़े ही दिन बाद बहरावर करेगें फिर हमारी तरफ से उनको दर्दनाक अज़ाब पहुँचेगा