49تِلكَ مِن أَنباءِ الغَيبِ نوحيها إِلَيكَ ۖ ما كُنتَ تَعلَمُها أَنتَ وَلا قَومُكَ مِن قَبلِ هٰذا ۖ فَاصبِر ۖ إِنَّ العاقِبَةَ لِلمُتَّقينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) ये ग़ैब की चन्द ख़बरे हैं जिनको तुम्हारी तरफ वही के ज़रिए पहुँचाते हैं जो उसके क़ब्ल न तुम जानते थे और न तुम्हारी क़ौम ही (जानती थी) तो तुम सब्र करो इसमें शक़ नहीं कि आख़िारत (की खूबियाँ) परहेज़गारों ही के वास्ते हैं