47قالَ رَبِّ إِنّي أَعوذُ بِكَ أَن أَسأَلَكَ ما لَيسَ لي بِهِ عِلمٌ ۖ وَإِلّا تَغفِر لي وَتَرحَمني أَكُن مِنَ الخاسِرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अगर तु मुझे (मेरे कसूर न बख्श देगा और मुझ पर रहम न खाएगा तो मैं सख्त घाटा उठाने वालों में हो जाऊँगा (जब तूफान जाता रहा तो) हुक्म दिया गया ऐ नूह हमारी तरफ से सलामती और उन बरकतों के साथ कश्ती से उतरो