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Sura 11
Aya 46
46
قالَ يا نوحُ إِنَّهُ لَيسَ مِن أَهلِكَ ۖ إِنَّهُ عَمَلٌ غَيرُ صالِحٍ ۖ فَلا تَسأَلنِ ما لَيسَ لَكَ بِهِ عِلمٌ ۖ إِنّي أَعِظُكَ أَن تَكونَ مِنَ الجاهِلينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(तू मेरे बेटे को नजात दे) ख़ुदा ने फरमाया ऐ नूह तुम (ये क्या कह रहे हो) हरगिज़ वह तुम्हारे अहल में शामिल नहीं वह बेशक बदचलन है (देखो जिसका तुम्हें इल्म नहीं है मुझसे उसके बारे में (दरख्वास्त न किया करो और नादानों की सी बातें न करो) नूह ने अर्ज़ की ऐ मेरे परवरदिगार मै तुझ ही से पनाह मागँता हूँ कि जिस चीज़ का मुझे इल्म न हो मै उसकी दरख्वास्त करुँ