102وَكَذٰلِكَ أَخذُ رَبِّكَ إِذا أَخَذَ القُرىٰ وَهِيَ ظالِمَةٌ ۚ إِنَّ أَخذَهُ أَليمٌ شَديدٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) बस्तियों के लोगों की सरकशी से जब तुम्हारा परवरदिगार अज़ाब में पकड़ता है तो उसकी पकड़ ऐसी ही होती है बेशक पकड़ तो दर्दनाक (और सख्त) होती है