103إِنَّ في ذٰلِكَ لَآيَةً لِمَن خافَ عَذابَ الآخِرَةِ ۚ ذٰلِكَ يَومٌ مَجموعٌ لَهُ النّاسُ وَذٰلِكَ يَومٌ مَشهودٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइसमें तो शक़ नहीं कि उस शख़्श के वास्ते जो अज़ाब आख़िरत से डरता है (हमारी कुदरत की) एक निशानी है ये वह रोज़ होगा कि सारे (जहाँन) के लोग जमा किए जाएंगें और यही वह दिन होगा कि (हमारी बारगाह में) सब हाज़िर किए जाएंगें