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Sura 11
Aya 101
101
وَما ظَلَمناهُم وَلٰكِن ظَلَموا أَنفُسَهُم ۖ فَما أَغنَت عَنهُم آلِهَتُهُمُ الَّتي يَدعونَ مِن دونِ اللَّهِ مِن شَيءٍ لَمّا جاءَ أَمرُ رَبِّكَ ۖ وَما زادوهُم غَيرَ تَتبيبٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और हमने किसी तरह उन पर ज़ल्म नहीं किया बल्कि उन लोगों ने आप अपने ऊपर (नाफरमानी करके) ज़ुल्म किया फिर जब तुम्हारे परवरदिगार का (अज़ाब का) हुक्म आ पहुँचा तो न उसके वह माबूद ही काम आए जिन्हें ख़ुदा को छोड़कर पुकारा करते थें और न उन माबूदों ने हलाक करने के सिवा कुछ फायदा ही पहुँचाया बल्कि उन्हीं की परसतिश की बदौलत अज़ाब आया