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Sura 9
Aya 103
103
خُذ مِن أَموالِهِم صَدَقَةً تُطَهِّرُهُم وَتُزَكّيهِم بِها وَصَلِّ عَلَيهِم ۖ إِنَّ صَلاتَكَ سَكَنٌ لَهُم ۗ وَاللَّهُ سَميعٌ عَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुम उनके माल में से दान लेकर उन्हें शुद्ध करो और उनके द्वारा उन (की आत्मा) को विकसित करो और उनके लिए दुआ करो। निस्संदेह तुम्हारी दुआ उनके लिए सर्वथा परितोष है। अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है