You are here: Home » Chapter 9 » Verse 102 » Translation
Sura 9
Aya 102
102
وَآخَرونَ اعتَرَفوا بِذُنوبِهِم خَلَطوا عَمَلًا صالِحًا وَآخَرَ سَيِّئًا عَسَى اللَّهُ أَن يَتوبَ عَلَيهِم ۚ إِنَّ اللَّهَ غَفورٌ رَحيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और दूसरे कुछ लोग है जिन्होंने अपने गुनाहों का इक़रार किया। उन्होंने मिले-जुले कर्म किए, कुछ अच्छे और कुछ बुरे। आशा है कि अल्लाह की कृपा-स्पष्ट उनपर हो। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है