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Sura 5
Aya 8
8
يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا كونوا قَوّامينَ لِلَّهِ شُهَداءَ بِالقِسطِ ۖ وَلا يَجرِمَنَّكُم شَنَآنُ قَومٍ عَلىٰ أَلّا تَعدِلُوا ۚ اعدِلوا هُوَ أَقرَبُ لِلتَّقوىٰ ۖ وَاتَّقُوا اللَّهَ ۚ إِنَّ اللَّهَ خَبيرٌ بِما تَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ऐ ईमानदारों ख़ुदा (की ख़ुशनूदी) के लिए इन्साफ़ के साथ गवाही देने के लिए तैयार रहो और तुम्हें किसी क़बीले की अदावत इस जुर्म में न फॅसवा दे कि तुम नाइन्साफी करने लगो (ख़बरदार बल्कि) तुम (हर हाल में) इन्साफ़ करो यही परहेज़गारी से बहुत क़रीब है और ख़ुदा से डरो क्योंकि जो कुछ तुम करते हो (अच्छा या बुरा) ख़ुदा उसे ज़रूर जानता है