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Sura 5
Aya 7
7
وَاذكُروا نِعمَةَ اللَّهِ عَلَيكُم وَميثاقَهُ الَّذي واثَقَكُم بِهِ إِذ قُلتُم سَمِعنا وَأَطَعنا ۖ وَاتَّقُوا اللَّهَ ۚ إِنَّ اللَّهَ عَليمٌ بِذاتِ الصُّدورِ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो एहसानात ख़ुदा ने तुमपर किए हैं उनको और उस (एहद व पैमान) को याद करो जिसका तुमसे पक्का इक़रार ले चुका है जब तुमने कहा था कि हमने (एहकामे ख़ुदा को) सुना और दिल से मान लिया और ख़ुदा से डरते रहो क्योंकि इसमें ज़रा भी शक नहीं कि ख़ुदा दिलों के राज़ से भी बाख़बर है