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Sura 43
Aya 31
31
وَقالوا لَولا نُزِّلَ هٰذَا القُرآنُ عَلىٰ رَجُلٍ مِنَ القَريَتَينِ عَظيمٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और कहने लगे कि ये क़ुरान इन दो बस्तियों (मक्के ताएफ) में से किसी बड़े आदमी पर क्यों नहीं नाज़िल किया गया