You are here: Home » Chapter 12 » Verse 67 » Translation
Sura 12
Aya 67
67
وَقالَ يا بَنِيَّ لا تَدخُلوا مِن بابٍ واحِدٍ وَادخُلوا مِن أَبوابٍ مُتَفَرِّقَةٍ ۖ وَما أُغني عَنكُم مِنَ اللَّهِ مِن شَيءٍ ۖ إِنِ الحُكمُ إِلّا لِلَّهِ ۖ عَلَيهِ تَوَكَّلتُ ۖ وَعَلَيهِ فَليَتَوَكَّلِ المُتَوَكِّلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और याक़ूब ने (नसीहतन चलते वक्त बेटो से) कहा ऐ फरज़न्दों (देखो ख़बरदार) सब के सब एक ही दरवाजे से न दाख़िल होना (कि कहीं नज़र न लग जाए) और मुताफरिक़ (अलग अलग) दरवाज़ों से दाख़िल होना और मै तुमसे (उस बात को जो) ख़ुदा की तरफ से (आए) कुछ टाल भी नहीं सकता हुक्म तो (और असली) ख़ुदा ही के वास्ते है मैने उसी पर भरोसा किया है और भरोसा करने वालों को उसी पर भरोसा करना चाहिए