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Sura 10
Aya 45
45
وَيَومَ يَحشُرُهُم كَأَن لَم يَلبَثوا إِلّا ساعَةً مِنَ النَّهارِ يَتَعارَفونَ بَينَهُم ۚ قَد خَسِرَ الَّذينَ كَذَّبوا بِلِقاءِ اللَّهِ وَما كانوا مُهتَدينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जिस दिन ख़ुदा इन लोगों को (अपनी बारगाह में) जमा करेगा तो गोया ये लोग (समझेगें कि दुनिया में) बस घड़ी दिन भर ठहरे और आपस में एक दूसरे को पहचानेंगे जिन लोगों ने ख़ुदा की बारगाह में हाज़िर होने को झुठलाया वह ज़रुर घाटे में हैं और हिदायत याफता न थे