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Sura 10
Aya 43
43
وَمِنهُم مَن يَنظُرُ إِلَيكَ ۚ أَفَأَنتَ تَهدِي العُميَ وَلَو كانوا لا يُبصِرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तुम कही बहरों को कुछ सुना सकते हो और बाज़ उनमें से ऐसे हैं जो तुम्हारी तरफ (टकटकी बाँधे) देखते हैं तो (क्या वह ईमान लाएँगें हरगिज़ नहीं) अगरचे उन्हें कुछ न सूझता हो तो तुम अन्धे को राहे रास्त दिखा दोगे