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Sura 10
Aya 35
35
قُل هَل مِن شُرَكائِكُم مَن يَهدي إِلَى الحَقِّ ۚ قُلِ اللَّهُ يَهدي لِلحَقِّ ۗ أَفَمَن يَهدي إِلَى الحَقِّ أَحَقُّ أَن يُتَّبَعَ أَمَّن لا يَهِدّي إِلّا أَن يُهدىٰ ۖ فَما لَكُم كَيفَ تَحكُمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल उनसे) कहो तो कि तुम्हारे (बनाए हुए) शरीकों में से कोई ऐसा भी है जो तुम्हें (दीन) हक़ की राह दिखा सके तुम ही कह दो कि (ख़ुदा) दीन की राह दिखाता है तो जो तुम्हे दीने हक़ की राह दिखाता है क्या वह ज्यादा हक़दार है कि उसके हुक्म की पैरवी की जाए या वह शख़्श जो (दूसरे) की हिदायत तो दर किनार खुद ही जब तक दूसरा उसको राह न दिखाए राह नही देख पाता तो तुम लोगों को क्या हो गया है