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Sura 9
Aya 7
7
كَيفَ يَكونُ لِلمُشرِكينَ عَهدٌ عِندَ اللَّهِ وَعِندَ رَسولِهِ إِلَّا الَّذينَ عاهَدتُم عِندَ المَسجِدِ الحَرامِ ۖ فَمَا استَقاموا لَكُم فَاستَقيموا لَهُم ۚ إِنَّ اللَّهَ يُحِبُّ المُتَّقينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(जब) मुशरिकीन ने ख़ुद एहद शिकनी (तोड़ा) की तो उन का कोई एहदो पैमान ख़ुदा के नज़दीक और उसके रसूल के नज़दीक क्योंकर (क़ायम) रह सकता है मगर जिन लोगों से तुमने खानाए काबा के पास मुआहेदा किया था तो वह लोग (अपनी एहदो पैमान) तुमसे क़ायम रखना चाहें तो तुम भी उन से (अपना एहद) क़ायम रखो बेशक ख़ुदा (बद एहदी से) परहेज़ करने वालों को दोस्त रखता है