62يَحلِفونَ بِاللَّهِ لَكُم لِيُرضوكُم وَاللَّهُ وَرَسولُهُ أَحَقُّ أَن يُرضوهُ إِن كانوا مُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(मुसलमानों) ये लोग तुम्हारे सामने ख़ुदा की क़समें खाते हैं ताकि तुम्हें राज़ी कर ले हालॉकि अगर ये लोग सच्चे ईमानदार है