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Sura 9
Aya 46
46
۞ وَلَو أَرادُوا الخُروجَ لَأَعَدّوا لَهُ عُدَّةً وَلٰكِن كَرِهَ اللَّهُ انبِعاثَهُم فَثَبَّطَهُم وَقيلَ اقعُدوا مَعَ القاعِدينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(कि क्या करें क्या न करें) और अगर ये लोग (घर से) निकलने की ठान लेते तो (कुछ न कुछ सामान तो करते मगर (बात ये है) कि ख़ुदा ने उनके साथ भेजने को नापसन्द किया तो उनको काहिल बना दिया और (गोया) उनसे कह दिया गया कि तुम बैठने वालों के साथ बैठे (मक्खी मारते) रहो