44لا يَستَأذِنُكَ الَّذينَ يُؤمِنونَ بِاللَّهِ وَاليَومِ الآخِرِ أَن يُجاهِدوا بِأَموالِهِم وَأَنفُسِهِم ۗ وَاللَّهُ عَليمٌ بِالمُتَّقينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) जो लोग (दिल से) ख़ुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान रखते हैं वह तो अपने माल से और अपनी जानों से जिहाद (न) करने की इजाज़त मॉगने के नहीं (बल्कि वह ख़ुद जाऎंगे) और ख़ुदा परहेज़गारों से खूब वाक़िफ है