32يُريدونَ أَن يُطفِئوا نورَ اللَّهِ بِأَفواهِهِم وَيَأبَى اللَّهُ إِلّا أَن يُتِمَّ نورَهُ وَلَو كَرِهَ الكافِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजिस चीज़ को ये लोग उसका शरीक़ बनाते हैं वह उससे पाक व पाक़ीजा है ये लोग चाहते हैं कि अपने मुँह से (फ़ूंक मारकर) ख़ुदा के नूर को बुझा दें और ख़ुदा इसके सिवा कुछ मानता ही नहीं कि अपने नूर को पूरा ही करके रहे