102وَآخَرونَ اعتَرَفوا بِذُنوبِهِم خَلَطوا عَمَلًا صالِحًا وَآخَرَ سَيِّئًا عَسَى اللَّهُ أَن يَتوبَ عَلَيهِم ۚ إِنَّ اللَّهَ غَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर कुछ लोग हैं जिन्होंने अपने गुनाहों का (तो) एकरार किया (मगर) उन लोगों ने भले काम को और कुछ बुरे काम को मिला जुला (कर गोलमाल) कर दिया क़रीब है कि ख़ुदा उनकी तौबा कुबूल करे (क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनी बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान हैं