43يَومَ يَخرُجونَ مِنَ الأَجداثِ سِراعًا كَأَنَّهُم إِلىٰ نُصُبٍ يوفِضونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन वे क़ब्रों से तेज़ी के साथ निकलेंगे जैसे किसी निशान की ओर दौड़े जा रहे है,