42فَذَرهُم يَخوضوا وَيَلعَبوا حَتّىٰ يُلاقوا يَومَهُمُ الَّذي يوعَدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः उन्हें छोड़ो कि वे व्यर्थ बातों में पड़े रहें और खेलते रहे, यहाँ तक कि वे अपने उस दिन से मिलें, जिसका उनसे वादा किया जा रहा है,