99أَفَأَمِنوا مَكرَ اللَّهِ ۚ فَلا يَأمَنُ مَكرَ اللَّهِ إِلَّا القَومُ الخاسِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदआख़िर क्या वे अल्लाह की चाल से निश्चिन्त हो गए थे? तो (समझ लो उन्हें टोटे में पड़ना ही था, क्योंकि) अल्लाह की चाल से तो वही लोग निश्चित होते है, जो टोटे में पड़नेवाले होते है