98أَوَأَمِنَ أَهلُ القُرىٰ أَن يَأتِيَهُم بَأسُنا ضُحًى وَهُم يَلعَبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर क्या बस्तियों के लोगो को इस ओर से निश्चिन्त रहने का अवसर मिल सका कि दिन चढ़े उनपर हमारी यातना आ जाए, जबकि वे खेल रहे हों?