97أَفَأَمِنَ أَهلُ القُرىٰ أَن يَأتِيَهُم بَأسُنا بَياتًا وَهُم نائِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर क्या बस्तियों के लोगों को इस और से निश्चिन्त रहने का अवसर मिल सका कि रात में उनपर हमारी यातना आ जाए, जबकि वे सोए हुए हो?