4ثُمَّ ارجِعِ البَصَرَ كَرَّتَينِ يَنقَلِب إِلَيكَ البَصَرُ خاسِئًا وَهُوَ حَسيرٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर दोबारा नज़र डालो। निगाह रद्द होकर और थक-हारकर तुम्हारी ओर पलट आएगी