3الَّذي خَلَقَ سَبعَ سَماواتٍ طِباقًا ۖ ما تَرىٰ في خَلقِ الرَّحمٰنِ مِن تَفاوُتٍ ۖ فَارجِعِ البَصَرَ هَل تَرىٰ مِن فُطورٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिसने ऊपर-तले सात आकाश बनाए। तुम रहमान की रचना में कोई असंगति और विषमता न देखोगे। फिर नज़र डालो, "क्या तुम्हें कोई बिगाड़ दिखाई देता है?"