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Sura 66
Aya 4
4
إِن تَتوبا إِلَى اللَّهِ فَقَد صَغَت قُلوبُكُما ۖ وَإِن تَظاهَرا عَلَيهِ فَإِنَّ اللَّهَ هُوَ مَولاهُ وَجِبريلُ وَصالِحُ المُؤمِنينَ ۖ وَالمَلائِكَةُ بَعدَ ذٰلِكَ ظَهيرٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(तो ऐ हफ़सा व आयशा) अगर तुम दोनों (इस हरकत से) तौबा करो तो ख़ैर क्योंकि तुम दोनों के दिल टेढ़े हैं और अगर तुम दोनों रसूल की मुख़ालेफ़त में एक दूसरे की अयानत करती रहोगी तो कुछ परवा नहीं (क्यों कि) ख़ुदा और जिबरील और तमाम ईमानदारों में नेक शख़्श उनके मददगार हैं और उनके अलावा कुल फरिश्ते मददगार हैं