7لِيُنفِق ذو سَعَةٍ مِن سَعَتِهِ ۖ وَمَن قُدِرَ عَلَيهِ رِزقُهُ فَليُنفِق مِمّا آتاهُ اللَّهُ ۚ لا يُكَلِّفُ اللَّهُ نَفسًا إِلّا ما آتاها ۚ سَيَجعَلُ اللَّهُ بَعدَ عُسرٍ يُسرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीगुन्जाइश वाले को अपनी गुन्जाइश के मुताबिक़ ख़र्च करना चाहिए और जिसकी रोज़ी तंग हो वह जितना ख़ुदा ने उसे दिया है उसमें से खर्च करे ख़ुदा ने जिसको जितना दिया है बस उसी के मुताबिक़ तकलीफ़ दिया करता है ख़ुदा अनकरीब ही तंगी के बाद फ़राख़ी अता करेगा