1يا أَيُّهَا النَّبِيُّ لِمَ تُحَرِّمُ ما أَحَلَّ اللَّهُ لَكَ ۖ تَبتَغي مَرضاتَ أَزواجِكَ ۚ وَاللَّهُ غَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ रसूल जो चीज़ ख़ुदा ने तुम्हारे लिए हलाल की है तुम उससे अपनी बीवियों की ख़ुशनूदी के लिए क्यों किनारा कशी करो और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है