79إِنّي وَجَّهتُ وَجهِيَ لِلَّذي فَطَرَ السَّماواتِ وَالأَرضَ حَنيفًا ۖ وَما أَنا مِنَ المُشرِكينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ये हरगिज़ नहीं हो सकते) मैने तो बातिल से कतराकर उसकी तरफ से मुँह कर लिया है जिसने बहुतेरे आसमान और ज़मीन पैदा किए और मैं मुशरेकीन से नहीं हूँ