78فَلَمّا رَأَى الشَّمسَ بازِغَةً قالَ هٰذا رَبّي هٰذا أَكبَرُ ۖ فَلَمّا أَفَلَت قالَ يا قَومِ إِنّي بَريءٌ مِمّا تُشرِكونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर जब आफताब को दमकता हुआ देखा तो कहने लगे (क्या) यही मेरा ख़ुदा है ये तो सबसे बड़ा (भी) है फिर जब ये भी ग़ुरुब हो गया तो कहने लगे ऐ मेरी क़ौम जिन जिन चीज़ों को तुम लोग (ख़ुदा का) शरीक बनाते हो उनसे मैं बेज़ार हूँ