77فَلَمّا رَأَى القَمَرَ بازِغًا قالَ هٰذا رَبّي ۖ فَلَمّا أَفَلَ قالَ لَئِن لَم يَهدِني رَبّي لَأَكونَنَّ مِنَ القَومِ الضّالّينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर जब चाँद को जगमगाता हुआ देखा तो बोल उठे (क्या) यही मेरा ख़ुदा है फिर जब वह भी ग़ुरुब हो गया तो कहने लगे कि अगर (कहीं) मेरा (असली) परवरदिगार मेरी हिदायत न करता तो मैं ज़रुर गुमराह लोगों में हो जाता