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Sura 6
Aya 59
59
۞ وَعِندَهُ مَفاتِحُ الغَيبِ لا يَعلَمُها إِلّا هُوَ ۚ وَيَعلَمُ ما فِي البَرِّ وَالبَحرِ ۚ وَما تَسقُطُ مِن وَرَقَةٍ إِلّا يَعلَمُها وَلا حَبَّةٍ في ظُلُماتِ الأَرضِ وَلا رَطبٍ وَلا يابِسٍ إِلّا في كِتابٍ مُبينٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और उसके पास ग़ैब की कुन्जियॉ हैं जिनको उसके सिवा कोई नही जानता और जो कुछ ख़ुशकी और तरी में है उसको (भी) वही जानता है और कोई पत्ता भी नहीं खटकता मगर वह उसे ज़रुर जानता है और ज़मीन की तारिक़ियों में कोई दाना और न कोई ख़ुश्क चीज़ है मगर वह नूरानी किताब (लौहे महफूज़) में मौजूद है