58قُل لَو أَنَّ عِندي ما تَستَعجِلونَ بِهِ لَقُضِيَ الأَمرُ بَيني وَبَينَكُم ۗ وَاللَّهُ أَعلَمُ بِالظّالِمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(उन लोगों से) कह दो कि जिस (अज़ाब) की तुम जल्दी करते हो अगर वह मेरे पास (एख्तियार में) होता तो मेरे और तुम्हारे दरमियान का फैसला कब का चुक गया होता और ख़ुदा तो ज़ालिमों से खूब वाक़िफ है