You are here: Home » Chapter 6 » Verse 32 » Translation
Sura 6
Aya 32
32
وَمَا الحَياةُ الدُّنيا إِلّا لَعِبٌ وَلَهوٌ ۖ وَلَلدّارُ الآخِرَةُ خَيرٌ لِلَّذينَ يَتَّقونَ ۗ أَفَلا تَعقِلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ये) दुनियावी ज़िन्दगी तो खेल तमाशे के सिवा कुछ भी नहीं और ये तो ज़ाहिर है कि आख़िरत का घर (बेहिश्त) परहेज़गारो के लिए उसके बदर वहॉ (कई गुना) बेहतर है तो क्या तुम (इतना भी) नहीं समझते