33قَد نَعلَمُ إِنَّهُ لَيَحزُنُكَ الَّذي يَقولونَ ۖ فَإِنَّهُم لا يُكَذِّبونَكَ وَلٰكِنَّ الظّالِمينَ بِآياتِ اللَّهِ يَجحَدونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहम खूब जानते हैं कि उन लोगों की बकबक तुम को सदमा पहुँचाती है तो (तुम को समझना चाहिए कि) ये लोग तुम को नहीं झुठलाते बल्कि (ये) ज़ालिम (हक़ीक़तन) ख़ुदा की आयतों से इन्कार करते हैं