You are here: Home » Chapter 6 » Verse 27 » Translation
Sura 6
Aya 27
27
وَلَو تَرىٰ إِذ وُقِفوا عَلَى النّارِ فَقالوا يا لَيتَنا نُرَدُّ وَلا نُكَذِّبَ بِآياتِ رَبِّنا وَنَكونَ مِنَ المُؤمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल) अगर तुम उन लोगों को उस वक्त देखते (तो ताज्जुब करते) जब जहन्नुम (के किनारे) पर लाकर खड़े किए जाओगे तो (उसे देखकर) कहेगें ऐ काश हम (दुनिया में) फिर (दुबारा) लौटा भी दिए जाते और अपने परवरदिगार की आयतों को न झुठलाते और हम मोमिनीन से होते (मगर उनकी आरज़ू पूरी न होगी)